पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को, उनके मुक़द्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को, उनके मुक़द्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते
पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को, उनके मुक़द्दर के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते