वाक़िये अनगिनत है जिंदगी के,   किताब लिखू या हिसाब लिखूं

वाक़िये अनगिनत है जिंदगी के, किताब लिखू या हिसाब लिखूं

वाक़िये अनगिनत है जिंदगी के,

किताब लिखू या हिसाब लिखूं . 

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