उस गागर की. पीर यही है. जिससे पनघट रूठा,,
उसका तन साबुत है लेकिन, मन टुकड़ो में.. टूटा,प्रे
प्रेमयोग से भक्ति योग – समर्पण भाव
उस गागर की. पीर यही है. जिससे पनघट रूठा,,
उसका तन साबुत है लेकिन, मन टुकड़ो में.. टूटा,प्रे
प्रेमयोग से भक्ति योग – समर्पण भाव
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